बाबैन, शर्मा । आढ़तियों की हड़ताल के कारण मंडियों में धान की फसल की खरीद न होने से धान खराब होने लगी है, धान की बर्बादी देखकर किसानों में आढ़तियों और सरकार के प्रति गहरा आक्रोश पनप रहा है। किसान अपनी धान को बेचने के लिए जहां मंडियों में पहरे दे रहे हैं, वहीं कई दिनों से पड़ी धान में नमी आ जाने से धान में जमाव होने लगा है और दाने काले हो जाने के कारण धान के रेट बहुत ज्यादा कम मिलने की आशंका से किसान परेशान है। इस अवस्था में न केवल धान का वजन कम होगा, बल्कि किसानों को इस धान का भाव भी कम मिलेगा।
अनाज मंडी में कई दिनों से धान बेचने के लिए आए किसानों का कहना है कि आढ़तियों की हड़ताल की वजह से उनकी धान की बिक्री नहीं हो पा रही है जिस कारण धान मंडी में ही पड़ी हुई है। ऊपर से कई दिनों से बरसात के कारण धान को बाहर खुले में सूखा भी नहीं सकते। आढ़तियों की हड़ताल की वजह से बिक्री ना होने के कारण किसानों को मंडियों में पड़ी धान की बार-बार अल्टा पलटी करवानी पड़ रही है। बावजूद इसके धान की हालत बेहद खराब हो रही है।
मंडी में पड़ी धान जहां काली पड़ रही है, वही उसमें जमाव शुरू हो गया है। कई किसानों की ढ़ेरियो में तो धान के दाने अंकुरित होकर काफी बड़े हो चुके हैं जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि आढ़तियों की यह हड़ताल गलत समय पर की गई है। किसानों ने सरकार व आढ़तियों से हड़ताल खत्म करने की मांग कर मंडियों से धान की खरीदारी करने का आह्वान किया है। किसानों ने कहा कि यदि सरकार ने ऐसा नहीं किया तो किसान बिल्कुल बर्बाद हो जाएंगे।
Author: Jarnail
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