अनुबंधित शिक्षकोें का 3.98 करोड़ रुपया बकाया,
166 अनुबंधित शिक्षकों को देना था आठ महिनें का एरियर
कुलपति ने साढें तीन महीनों के अंदर रिपोर्ट मांगी थी, अभी तक कार्यवाही नहीं, सैल्फ फाईनांस स्कीम शिक्षकों की पदोन्नति भी अभी तक लंबित
कुरुक्षेत्र । कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय के इतिहास में आने वाली प्रथम महिला कुलपति डाॅ नीता खन्ना के द्वारा पारित किये गये दो ऐतिहासिक फैसलंे 22 सितंबर 2020 में पारित अभी भी अधर में लटके हुए हैं। दो ऐतिहासिक फैसलों में पहला अनुबंधित शिक्षकों का मानदेय 22 सितंबर 2020 से 55,770 रूपया देना एवं सैल्फ फाईनांस स्कीम शिक्षकों को पदोन्नति करना शामिल है। अनुबंधित शिक्षकों की तरफ से जारी किऐ गये संयुक्त ब्यान के अनुसार उनका वेतन 22 सितंबर 2020 से ना लागू करके विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मई 2021 से लागू करना, जिसमें 3.98 करोड़ रूपये का एरिअर ना वितरित करना अन्यायपूर्ण है। इस अन्याय के विरोध में अनुबंधित शिक्षकों ने अपनी आपत्ति कुलपति और कुलसचिव के समक्ष जाहिर करने की भरसक प्रयास किये लेकिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बारे में सिरे से बातचीत क्या सोचना ही नहीं चाहा?
ज्ञात है कि अनुबंधित शिक्षकों ने समान काम समान वेतनमान लागू करवाने हेतु सिंतबर 2019 में तीन दिनों तक भूख-हड़ताल एवं मार्च 2021 में नौ दिन का ‘लंच टाइम मार्च’ भी निकालना पड़ा था। इस लंच टाइम मार्च में सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा ने भी संयुक्त रूप से आवाज बुंलद की थी, जिसके बावजूद भी वर्तमान तक एरिअर नहीं मिला है।
अनुबंधित शिक्षकों ने कहा कि माननीय कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने मई 2022 में एक प्रतिष्ठित हिंदी समाचार पत्र के माध्यम से संबंधित ब्रांच के अधिकारियों से रिपोर्ट लेने की बात कही थी लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाही नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनके अतिरिक्त अपने सभी संबंधित स्थाई शिक्षकों, सैल्फ फाईनांस शिक्षकों, एवं गैर शिक्षकों एवं पैंशनधारियों को एरियर का लाभ दे चुका है, फिर हमसे ही क्यों अन्यायपूर्ण रवैया? यह एक अच्छे विद्वान शिक्षकों एवं अच्छे प्रशासकों के लिए नैतिकता से परे साबित करता है।
अनुबंधित शिक्षकों को वर्तमान में मिल रहा 57,700 रूपया सातवें वेतन आयोग की सिफारिश थी जिसमें उनको 28 प्रतिशत डी.ए. (डियरनंस अलाउंस) के साथ देना था जिसके अनुसार उनका वेतनमान लगभग 73,001 रूपये बनता है। इसे हरियाणा के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ ने पिछले एक वर्ष से लागू किया हुआ है। अनुबंधित शिक्षकों के अनुसार इस बढती मंहगाई के दौर में उनका महंगाई भता नहीं देना एवं टैक्स पैयर होने के बावजूद उनको सर्विस लाभ नहीं देना भारत सरकार के द्वारा लिये गये ‘समान काम समान वेतन’ को छह वर्षों से लागू नहीं करना, भारत सरकार एवं माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में है। क्या विश्वविद्यालय प्रशासन इन दोनों से सुप्रीम समझने लगा है ?
अनुबंधित शिक्षकों ने कहा कि पूर्व कुलपति डाॅ नीता खन्ना ने सैल्फ फाईनांस स्कीम के शिक्षकों के हितों में लंबित पदोन्नति की मांग को अपने कार्यकाल में लागू करने का आदेश पारित किया था, जिसे वर्तमान प्रशासन लागू नहीं कर पाया है जो अभी लंबित हैं। आदेश पारित के अनुसार सैल्फ फाईनांस स्कीम में अस्सिटेंट प्रोफेसर को एसोसिएट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर में पदोन्नत करना सम्मिलित है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन पिछले दो वर्षो में दो बार आवेदन लेने का नोटिस जारी कर चुकी है।
ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय में पिछले 15 वर्षो से अधिक सैल्फ फाईनांस स्कीम के तहत लगभग 100 शिक्षक कार्यरत है जो अपनी सेवाएं स्थाई शिक्षकों के साथ नियमित रूप से दे रहे हैं और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के स्वर्णिम भविष्य के लिए कार्यरत हैं।
Author: Jarnail
Jarnail Singh 9138203233 editor.gajabharyananews@gmail.com