गुजरात मे बिलकिस बानो से 2002 में गैंग रेप कर उनके परिवार के 14 सदस्यों की हत्या की गई थी, उन 11 हत्यारों की सजा माफ करने पर विरोध प्रदर्शन कर धरना देकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
कुरुक्षेत्र, 22 अगस्त । सोमवार को जन संघर्ष मंच हरियाणा के कार्यकर्ताओं ने राज्य प्रधान कामरेड फूल सिंह, महासचिव सुदेश कुमारी तथा जिला कन्वीनर डॉ लहना सिंह के नेतृत्व में, गुजरात सरकार द्वारा 15 अगस्त 2022 को बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप करने वाले तथा उनके परिवार के 14 सदस्यों के 11 हत्यारों की सजा माफ किए जाने के विरोध में नया बस अड्डा कुरुक्षेत्र से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन किया। और जिला उपायुक्त कार्यालय पर धरना दिया।
उन्होंने जिला उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति भारत सरकार के नाम ज्ञापन तहसीलदार अजित सिंह को सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से जन संघर्ष मंच हरियाणा ने सन 2002 में गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप करने वाले और उसके परिजनों की सामूहिक हत्या करने वाले 11 गुनहगारों की गुजरात सरकार द्वारा सजा माफ किए जाने का कड़ा विरोध करते हुए मांग की गई कि न्याय व्यवस्था में महिलाओं के विश्वास को बहाल किया जाए। गैंगरेप, सामुहिक मर्डर व आगजनी के अपराधी इन सभी 11 गुनहगारों की सजा माफ करने के गुजरात सरकार के फैसले को तत्काल रद्द किया जाए और उन्हें सुनाई गई उम्र कैद की सजा पूरी करने के लिए तुरंत जेल भेजा जाए।

प्रदर्शनकारियों को जन संघर्ष मंच हरियाणा के राज्य प्रधान कामरेड फूल सिंह, महासचिव सुदेश कुमारी , कुरुक्षेत्र के जिला कन्वीनर डॉक्टर लहना सिंह, चंद्र रेखा, उषा कुमारी आदि ने संबोधित किया।
मंच प्रधान कामरेड फूल सिंह ,ऊषा कुमारी और जिला कन्वीनर डॉ लहना सिंह ने कहा कि 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गुजरात सरकार ने देश के इतिहास में यह एक कलंक पूर्ण फैसला किया कि सन् 2002 में बिल्किस बानो के गैंगरेप व उसके परिवार के अन्य 13 महिलाओं व पुरुषों के जघन्यतम सामुहिक हत्याकांड के गुनहगार 11 कैदियों को विशेष माफी देकर गुजरात की गोधरा जेल से बाहर कर दिया? और इतना ही नहीं जेल से बाहर निकलने पर उनको फूल-माला पहनाकर, मिठाई खिलाकर व चरण स्पर्श करके उनका स्वागत किया गया?
गुजरात सरकार का यह निर्णय देश की जनता, विशेषकर महिलाओं के लिए बहुत स्तब्ध कर देने वाला और बेहद शर्मनाक निर्णय है। और गुजरात सरकार ने जघन्य अपराध करने वाले इन घृणित गुनहगारों को जेल से बाहर निकालने की यह निर्लज्ज कार्रवाई उस समय की है जब उनकी पार्टी के नेता, देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर भाषण दे रहे थे। उन्होंने अपने भाषण में बड़े ही मार्मिक व संवेदनशील ढंग से देशवासियों से आग्रह किया था कि क्या हम सब हमारे व्यवहार व बोलचाल में महिलाओं के प्रति बढ़ती जा रही विकृत मानसिकता से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं?
परंतु व्यवहार में प्रधानमंत्री जी व उनकी पार्टी का व्यवहार इसके ठीक विपरीत है। प्रधानमंत्री मोदी जी इस स्तब्ध करने वाली घटना पर एकदम मौन हैं? यह देश की महिलाओं व इन्साफ पसंद लोगों के लिए बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से भाजपा सरकार का दोगलापन पूरी तरह स्पष्ट हो गया है। सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे की पोल खुल गई है। आज हमें, विशेषकर महिलाओं को संगठित होकर गुनहगारों तथा अपराधियों को बचाने वाली भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करना पड़ेगा तभी बिलकिस बानो को न्याय मिल सकता है।
मंच की महासचिव सुदेश कुमारी तथा वित्त सचिव चंद्र रेखा ने गुजरात सरकार की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि गुजरात सरकार ने गुनहगारों को माफ करने का यह निर्णय कानून व महिला मर्यादा को पूरी तरह ताक पर रखकर लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ताजा गाइडलाइन भी साफ कहती है कि आजीवन कारावास पाए कैदियों और बलात्कारियों को माफी नहीं दी जानी चाहिए। इसके बावजूद गुजरात सरकार ने इन अपराधियों को छोड़ने का फैसला किया जो प्राकृतिक न्याय की अवधारणा को बहुत बड़ा झटका है।
इससे देश की महिलाओं का न्यायप्रणाली से विश्वास ही उठता जा रहा है। हत्या और बलात्कार के इन दोषियों को सजा पूरी करने से पहले रिहा करने से महिलाओं के प्रति अत्याचार करने वाले सभी अपराधियों के मन में (दंडित किए जाने का) डर खत्म हो जाएगा। इससे यह संदेश भी जा रहा है कि यदि हिंदुत्व से जुड़े दंगाई व अपराधी अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के साथ गैंगरेप जैसा जघन्य अपराध और सामूहिक हत्याएं करते हैं तो मौजूदा सरकार उनकी सजा माफ कर सकती है। ध्यान रहे इस मामले में पीड़िता को घटना के बाद इंसाफ पाने की जद्दोजहद में भी प्रताड़ना के लंबे दौर से गुजरना पड़ा था।
गुजरात में पुलिस व अन्य लोगों ने बाकायदा साक्ष्य मिटाने के भी प्रयास किए थे जिनमें पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों को दोषी पाया गया था। गुजरात पुलिस ने इस केस को बंद कर दिया था और मानवाधिकार आयोग ने पीड़िता की सुनवाई की थी और सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी थी ।सीबीआई ने इन अपराधियों को गैंगरेप और सामूहिक हत्या का दोषी पाए जाने पर अदालत में चार्जशीट दायर की थी। केस को गुजरात से मुम्बई शिफ्ट किया गया था ताकि विक्टिम निडर होकर गवाही दे सके। तब जाकर ये अपराधी जेल के सींखचों के अंदर बंद हुए थे। पैरोल पर जब भी इन अपराधियों को छोड़ा गया तो ये भाजपा के नेताओं के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए और इस केस के गवाहों को डराया धमकाया गया।
गवाहों, पीडिता ने इसकी शिकायत कई बार गुजरात के गृहमंत्री और पुलिस को की थी। यह सब गंभीर तथ्य होने के बावजूद गुजरात सरकार ने इन्हें सजा माफ करके बाहर खुला छोड़ दिया है, यह अत्यंत निंदनीय है।
जन संघर्ष मंच हरियाणा देश की जनता और महिलाओं का आह्वान किया कि वे गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप करने वाले तथा उसके परिवार के लोगों की सामूहिक हत्या करने वाले 11 गुनाहगारों की सजा माफ करने का विरोध करें और इन गुनाहगारों को दोबारा जेल में पहुंचाने के लिए अभियान तेज करें और पूरे देश में हिंदू मुसलमान के नाम पर जनता को लड़वाने वाली भाजपा संघ परिवार जैसी काली ताकतों का कड़ा विरोध करें।
जनता का भाईचारा टूटने न दें,महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान दें तभी देश की जनता और इंसानियत बचेगी।
आज के प्रदर्शन में जन संघर्ष मंच वित्त सचिव चंद्र रेखा, वरिष्ठ नेता उषा कुमारी, जिला कन्वीनर डॉ लहना सिंह के अलावा सोमनाथ, जोगिंदर सिंह, फकीर चंद, सतीश कुमार, संतोष, , शिल्पी,संतोष रिटायर्ड सुपरवाइजर, कोमल,पूजा ,सरोज,सरला, रोशनी,छैलूराम, नितिन, कृष्ण कुमार, पृथ्वी, ईश्वर, रामकुमार, देवी दयाल,सुरेंद्र,कौक आदि उपस्थित रहे।
Author: Jarnail
Jarnail Singh 9138203233 editor.gajabharyananews@gmail.com