फीजी वायरस के कारण धान की फसल में पौधे बौने होने का पैदावार पर होगा असर
बाबैन, शर्मा । धान की फसल में पौधे बौने रहने के कारण किसानों की परेशानी बढती जा रही है क्योंकि धान की फसल में बौने पौधों के कारण किसानों को धान की पैदावार कम होने की चिंता सताने लगी है। गांव झंडौला के किसान शिवदयाल, मामराज सैनी, कृष्ण चंद, अशोक कुमार, रमेश चंद, विनोद कुमार, ऋषिपाल व अन्य किसानों का कहना है कि इस बार धान की फसल में बौने पौधे है जो कई खेतों में धान की फसल में बहुत अधिक हैं जिसका सिधा असर धान की पैदावार पर पडेगा और किसानों को इस बिमारी के कारण फसल में भारी नुक्सान होगा। उन्होंने कहा कि हर बार मौसम की मार के कारण उन्हें फ सल में नुकसान झेलना पड़ता है लेकिन इस बार तो धान की फ सल में देखने को आ रहा है कि पौधे कई जगहों से बौने रह गए हैं और इनमें दाने भी काले दिख रहे हैं जिससे धान की फसल में भारी नुक्सान होने की आशंका जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा धान की फसल की गिरदावरी करवाकर किसान को फसल के नुक्सान का मुआवजा दिया जाए।
क्या कहते हैं खंड कृषि अधिकारी?
जब इस बारे में खंड कृषि अधिकारी विरेंद्र सिंह से बात कि गई तो उनका कहना था कि जो धान की फसल 15 से 30 जुन के दौरान लगी है उसमें इस बार फीजी वायरस के कारण पौधे बौने की बिमारी देखी जा रही है और यह किसी खेत में कम है तो किसी खेत में अधिक देखने को मिल रही है । उन्होंने कहा कि बाबैन क्षेत्र के गांवों के किसानों की इस बारे में शिकायते आ रही है और वे मौके पर फसल की जांच करके उसके बारे में उच्चधिकारियों को अवगत करा रहे है।
कृषि वैज्ञानिक कर रहे हैं निरिक्षण
खंड कृषि अधिकारी विरेंद्र सिंह ने कहा कि धान की फसल में बौने पौधे की बिमारी की जांच के लिए कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने कई स्थानों पर निरिक्षण किया है और इस बारे में जांच चल रही है उन्होंने कहा कि इस बारे में मौसम में बदलाव भी कारण बताया जा रहा है जिससे फ सल में इसका असर देखने को मिल रहा है कई जगहों पर धान के पौधे बौने रह गए हैं और इनकी जड भी काली हो रही है।
Author: Jarnail
Jarnail Singh 9138203233 editor.gajabharyananews@gmail.com