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January 5, 2025 6:08 pm

नौकरी के साथ शैक्षणिक डिग्री भी, अग्निवीरों के लिए शिक्षा मंत्रालय ने बनाई खास योजना

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केंद्र सरकार तीनों सेनाओं में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत चार साल के लिए युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा। इस योजना के तहत अभ्यर्थी की उम्र 17.5 से 21 साल तक के बीच होनी चाहिए। ऐसे में युवाओं को ट्रेनिंग और ड्यूटी के अलावा अब शैक्षिक ड्रिगी के लिए भी केंद्र सरकार ने व्यवस्था कर दी है।

कौशल-आधारित स्नातक डिग्री कार्यक्रम

दरअसल, केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों में सेवा देने वाले अग्निवीरों के लिए कौशल प्रशिक्षण को मान्यता देने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय यानि इग्नू तीन साल का एक कौशल-आधारित स्नातक डिग्री कार्यक्रम शुरू करेगा।

शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 जून को भारतीय युवाओं के लिए अग्निपथ नामक सशस्त्र बलों में सेवा करने के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना को मंजूरी दी और इस योजना के तहत चुने गए युवाओं को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा। अग्निपथ देशभक्त और प्रेरित युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने की अनुमति देता है। अग्निपथ योजना को सशस्त्र बलों के युवा प्रोफाइल को सक्षम करने के लिए डिजाइन किया गया है।

कार्यक्रम का उद्देश्य रक्षा कर्मियों को सेना के साथ ही नागरिक क्षेत्र में नौकरियों के लिए तैयार करना है। अग्निवीरों की भविष्य की करियर संभावनाओं को बढ़ाने के लिए और उन्हें नागरिक क्षेत्र में विभिन्न नौकरी की भूमिकाओं के लिए सुसज्जित करने के लिए, शिक्षा मंत्रालय रक्षा कर्मियों की सेवा के लिए एक विशेष, तीन वर्षीय कौशल आधारित स्नातक डिग्री कार्यक्रम शुरू कर रहा है, जो रक्षा प्रतिष्ठानों में उनके कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा प्राप्त कौशल प्रशिक्षण को मान्यता देगा।

क्या है कार्यक्रम

इस कार्यक्रम को इग्नू द्वारा डिजाइन और निष्पादित किया जाएगा। अग्निवीरों को स्नातक डिग्री के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत क्रेडिट कौशल प्रशिक्षण (तकनीकी और गैर-तकनीकी) से आएगा और शेष 50 प्रतिशत भाषा, अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीति विज्ञान, लोक प्रशासन, समाजशास्त्र, गणित, शिक्षा, वाणिज्य, पर्यटन, व्यावसायिक अध्ययन, कृषि और ज्योतिष, पर्यावरण अध्ययन और संचार कौशल में एबिलिटी एनहांसमेंट कोर्स जैसे विषयों की एक विस्तृत विविधता को कवर करने वाले पाठ्यक्रमों से आएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कार्यक्रम

यह कार्यक्रम यूजीसी मानदंडों के साथ और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अनिवार्य राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क / राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के साथ जुड़ा हुआ है। इसमें कई निकास बिंदुओं का भी प्रावधान है। प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों के सफल समापन पर स्नातक प्रमाणपत्र, प्रथम और द्वितीय वर्ष के पाठ्यक्रमों के सफल समापन पर स्नातक डिप्लोमा। तीन वर्ष की समय सीमा में सभी पाठ्यक्रमों के पूरा होने पर डिग्री मिलेगी।

कार्यक्रम को मिली मान्यता

कार्यक्रम की रूपरेखा को संबंधित नियामक निकायों – अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) और यूजीसी द्वारा विधिवत मान्यता दी गई है। डिग्री इग्नू द्वारा यूजीसी नामकरण (बीए; बी कॉम; बीए (व्यावसायिक); बीए (पर्यटन प्रबंधन) के अनुसार प्रदान की जाएगी। इस कोर्स को रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में न केवल भारत में बल्कि विदेश में मान्यता प्राप्त होगी।

जानकारी के मुताबिक जल्द ही योजना के कार्यान्वयन के लिए सेना, नौसेना और वायु सेना इग्नू के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेंगे।

दूरसंचार ने खोले द्वार

वहीं सेना में चार साल नौकरी के बाद युवाओं को अवसर देने के लिए कई सरकारी विभाग और राज्य सरकारें घोषणा कर रही हैं।

वहीं अब दूरंसचार विभाग ने (डीओटी) ने सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) के साथ बैठक की। सामान्य रूप से दूरसंचार क्षेत्र में तथा विशेष रूप से टीएसपी में प्रशिक्षित ‘अग्निवीरों ‘ जो सशस्त्र बलों में चार वर्षों की सेवा के बाद बाहर आएंगे, उनकी प्रतिभा, अनुशासन तथा अर्जित कौशल का किस प्रकार उपयोग किया जाए, बैठक में उसके माध्यमों एवं साधनों पर चर्चा की गई।

सभी चार टीएसपी (एयरटेल, बीएसएनएल, रिलायंस जियो तथा वोडाफोन-आइडिया) के प्रतिनिधियों ने डीओटी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता सदस्य (टेक्नोलॉजी) द्वारा संचार भवन में की गई।

Jarnail
Author: Jarnail

Jarnail Singh 9138203233 [email protected]

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