युवाओं से अगले 25 वर्ष देश के लिए समर्पित करने का आग्रह
पीएम मोदी ने 76 वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए देश के सामने आने वाले वर्ष के लिए ‘पंच प्रण’ के रूप में एक विजन दिया। पीएम ने कहा कि हमें आजादी के अमृतकाल में बड़े लक्ष्य निर्धारित करने होंगे। हमें बड़े संकल्प जैसे विकसित भारत, गुलामी के एक भी अंश को बचने न देना, विरासत पर गर्व, एकता व एकजुटता और नागरिकों के कर्तव्यों इन ‘पंच प्रण’ रूपी शक्ति के संकल्प धारण करने चाहिए।
पीएम ने आजादी के अमृतकाल को राष्ट्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आने वाले 25 साल के लिए हमें पांच प्रतिज्ञाओं पर अपनी शक्ति, संकल्प और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा। उन्होंने भारत को लोकतंत्र की जननी करार देते हुए कहा कि विविधता ही इसकी ताकत है।
2047 के लिए पांच प्रण
इस दौरान पीएम ने 2047 के लिए पांच प्रण दिए। उन्होंने युवाओं से देश के विकास के लिए अपने जीवन के अगले 25 वर्ष समर्पित करने का आग्रह करते हुए कहा कि हम पूरी मानवता के विकास की दिशा में काम करेंगे। उन्होंनें कहा कि अनुभव कहता है कि एक बार हम सब संकल्प लेकर चल पड़ें, तो हम निर्धारित लक्ष्यों को पार कर लेते हैं।
अमृतकाल के पांच प्रण
–पहला प्रण- बहुत बड़े संकल्प को लेकर आगे चलना होगा
–दूसरा प्रण- हमारे मन की भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश है, तो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना है
–तीसरा प्रण- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए
–चौथा प्रण- एकता और एकजुटता
–पांचवां प्रण – नागरिकों का कर्तव्य
प्रधानमंत्री ने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले 25 साल के लिए हमें ‘पंच प्रण’ पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि देश अब बड़े संकल्प लेकर ही चलेगा और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत। प्रधानमंत्री ने दूसरा प्रण बताते हुए कहा कि किसी भी कोने में मन के भीतर गुलामी का एक भी अंश है, तो उससे हमें मुक्ति पानी ही होगी। तीसरा प्रण है कि हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने चौथे और पांचवे प्रण में एकता और एकजुटता के अलावा नागरिकों के कर्तव्यों को भी इसमें जोड़ा। उन्होंने कहा कि अमृतकाल का पहला प्रभात समाज की आकांक्षाओं को पूरा करने का सुनहरा अवसर है। हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है, एक तिरंगे झंडे ने दिखा दिया है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जो जूझ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है। इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है।
जीव में शिव देखते हैं हम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं।
Author: Jarnail
Jarnail Singh 9138203233 [email protected]