पिपली में गड्डों का मामला मुख्यमंत्री के दरबार में जाने के बाद भी हालात जस के तस
शिकायतकर्ता बोले, प्रशासन कर रहा है किसी बड़े हादसे का इंतजार
कुरुक्षेत्र । पिपली में करनाल हाईवे मार्ग पर हाईवे पुल के साथ बने गहरे गड्ढों का मामला भले ही मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंच गया हो, लेकिन हालात देखकर लगता हैं कि अधिकारी सीएम विंडो की शिकायतों के प्रति गंभीर नहीं दिखते। रोजाना लोगों को इन गड्ढों से मुश्किलों से रूबरू होना पड़ता है। हां जी हम बात कर रहे हैं पिपली चौक पर करनाल जाने वाले सर्विस रोड पर बने गड्ढों की। इन गड्ढों को लेकर नंबरदार श्यामलाल ने मुख्यमंत्री के नाम सीएम विंडो पर शिकायत भी दी हुई है, लेकिन उस शिकायत पर अभी तक कोई भी गौर नहीं किया गया।
बता दें कि इन गड्ढों का मामला मीडिया कई बार उजागर कर चुका है। कई बार विभागीय अधिकारियों ने आनन-फानन में इन गड्ढों को भर कर अपनी जान बचाने की भले ही कोशिश की हो, लेकिन गड्ढे भरने की लीपापोती में बार-बार गड्ढे मुखर हो रहे हैं और अधिकारी इन गड्ढों से बेअसर दिखते हैं। ऐसे में अगर यह गड्ढे जल्द ही नहीं भरे गए तो किसी की जान भी ले सकते हैं। दूसरी ओर इन गड्ढों के चलते रात के समय कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार प्रशासन के समक्ष इन मुद्दों का मुद्दा उठ चुका है। मीडिया ने भी इन गड्ढों को लेकर जनता को होने वाली परेशानियों से रूबरू कराने का काम किया है।
एक और जहां राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एसडीओ करनाल सर्विस रोड पर बने गड्ढों को राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीन का क्षेत्र मानते हैं लेकिन सड़क के साथ बने वाले हिस्से को वह राष्ट्रीय राजमार्ग का मानने के लिए तैयार नहीं। दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी गड्ढों को ठीक करने को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग राजमार्ग प्राधिकरण की ओर देखते हैं। ऐसे में दोनों विभागों के बीच गड्ढों का भरने का मामला अधर में फंसा हुआ है। देखना है कि सीएम विंडो पर दी शिकायत का इन अधिकारियों पर कितना असर होता है और किस तत्परता के साथ वे शिकायत को हल करने का काम करेंगे।
अधिकारी कर रहे हैं बड़ा हादसा होने का इंतजार
बता दें कि जिस जगह पर ये गड्डे हैं, वहां से रोजाना वाहन और राहगीर गुजरते हैं। कई वाहन चालक इन गड्डों में गिरकर चोटिल हो चुके हैं। सीएम विंडो में शिकायत देने वाले श्याम लाल ने बताया कि इन गड्डों को लेकर प्रशासनिक अधिकारी गंभीर नहीं हैं। लगता है कि वे किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
Author: Jarnail
Jarnail Singh 9138203233 editor.gajabharyananews@gmail.com