कुरूक्षेत्र । सोमवार को हरियाणा अनुसूचित जाति के राजकीय अध्यापक संघ ने जिला सचिवालय पर चिराग योजना के विरोध में आंशिक धरना प्रदर्शन किया। जिला उपायुक्त महोदय के माध्यम से मुख्य मन्त्री के नाम ग्यापन सौंपा गया। जिसमें जिला रवेन्यु अधिकारी राजबीर कश्यप को ज्ञापन सौंपा गया। जिसकी अध्यक्षता जिला प्रधान श्री राज पाल बाम्णिया ने की। मंच संचालन जिला प्रेस सचिव नरेश फुले ने किया।
इस अवसर पर हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ के राज्य कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश सरोहा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2022- 23 के लिए चिराग योजना के तहत सरकारी स्कूलों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को दूसरी से 12वीं कक्षाओं के बच्चों के 10 प्रतिशत दाखिले निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में करने का कार्यक्रम तय किया गया है। जिसके अन्तर्गत प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों की 1100 रू तक फीस सरकार द्वारा दी जाएगी जोकि सरासर गलत है।
क्योंकि इस योजना से सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले विधार्थियों की संख्या दिन- प्रतिदिन कम होती जाएगी जिससे एक दिन सरकारी स्कूल बन्द होने के कगार पर पहुंच जाएंगे। भविष्य में यदि सरकारी स्कूल बन्द हो जाएंगे तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को भी समस्याओ का सामना करना पडेगा। सरोहा ने कहा कि एक तरफ तो सरकारी माडल सस्कृति स्कूलों के नाम पर फीस ले रहीं हैं जो कि गलत है। उन्होंने कहा अगर सरकार प्राइवेट स्कूलों को दी जाने वाली फीस के बदले सरकारी स्कूलों में सुविधाए देती है तो उससे शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने मे बहुत मदद मिलेगी।
इस योजना से अध्यापक वर्ग में भारी रोष है। यह सरकारी स्कूलों को कमजोर एवं पंगु करने की योजना मात्र है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार व विभाग चिराग योजना को वापिस नहीं लेती है तो हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ इस योजना को मुख्य मुद्दा बना कर पहले से तय चौथे चरण के आन्दोलन में इसे जन आन्दोलन बना कर सभी मन्त्रीयो व एम एल ए के घरो का घेराव करेंगे।
जिला प्रधान राज पाल बाम्णिया व जिला सचिव रमेश थाना ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाते हुए अध्यापकों के रिक्त पड़े लगभग 50 हजार पदों को एचटेट पास युवक- युवतियों द्वारा भरा जाना चाहिए जिसे रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा सांस्कृतिक मॉडल स्कूलों में दाखिला फीस लगाकर सरकार ने जनता पर आर्थिक बोझ डाल दिया है जो शिक्षा के अधिकार अधिनियम का सरासर उल्लंघन है। एससी व बीसी छात्रों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि समय पर उनके खातों में डाल दिया जाना चाहिए, स्कूलों को मर्ज करना, व्यवहारिक युक्तिकरण की नीति,स्कूलो में समय पर किताबें उपलब्ध न करवाना, पहली दूसरी कक्षाओं को एनजीओ को सौंपना, अध्यापकों की भर्ती न करना आदि अनेक अनुचित फैसले सरकारी स्कूलों को बर्बाद करने वाले हैं। जिला सलाहकार राजेन्द्र टडनं व थानेसर ब्लाक प्रधान
दिलबाग सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षा विरोधी फैसलों पर रोक लगाते हुए और शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए चिराग योजना को वापस लिया जाना चाहिए। अगर इस योजना को वापिस नहीं लेती तो भविष्य में होने वाले आन्दोलन की सारी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग व हरियाणा सरकार की होगी। इस अवसर पर शिक्षक ब्लाक बाबैन प्रधान बारू राम, पेहवा प्रधान सुरेन्द्र सिंह ,नरेश फुले,रामदिया बहल, रमेश रंगा, रमेश बिब्यान,फुल कुमार,दारा सिंह, पवन कुमार उमरी, राज कुमार, राज बीर कौल, राजेन्द्र कुमार, ईश्वर सरोहा,अमर सिंह, यश पाल, परमजीत सिंह, दीना राम कैत,सुदर्शन,सुरेन्द्र पाल, रणजीत सिंह,अजीत कुमार ,जय प्रकाश,प्रवेश कुमार,वेद प्रकाश, महावीर सिंह, प्रवीण कुमार,पवन कुमार,तारा चन्द, शिव कुमार,रविन्द्र कुमार, मनोज कुमार,रविन्द्र ढांडा आदि अध्यापकगण उपस्थित रहे।
Author: Jarnail
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