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September 1, 2025 7:43 PM

हरियाणा में 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाया गया पूर्णत प्रतिबंध : मुकुल

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कूड़े एवं अप्रबंधित प्लास्टिक कचरे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए उठाया गया है एक निर्णायक कदम, चिन्हित एसयूपी वस्तुओं पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए स्थापित किए जाएंगे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष, प्रतिबंधित एकल उपयोग प्लास्टिक के अवैध निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री एवं उपयोग की निगरानी के लिए गठित किए जाएंगे विशेष प्रवर्तन दल

कुरुक्षेत्र । उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि हरियाणा सरकार ने भी राज्य में 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 तक एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को समाप्त करने के लिए दिए गए स्पष्ट आह्वान के अनुरूप भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 12 अगस्त 2021 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम 2021 को अधिसूचित किया गया है। आजादी का अमृत महोत्सव की भावना को आगे बढ़ाते हुए कूड़े एवं अप्रबंधित प्लास्टिक कचरे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से एक निर्णायक कदम उठाया जा रहा है।

उपायुक्त मुकुल कुमार ने बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर हरियाणा सरकार ने भी राज्य में 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रदेश में कम गुणवत्ता और ज्यादा प्रदूषण की क्षमता वाली पहचानी गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध हरियाणा में 1 जुलाई, 2022 से प्रभावी हो गया है।समुद्री पर्यावरण सहित स्थलीय और जलीय इकोसिस्टम पर एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के प्रतिकूल प्रभावों को वैश्विक स्तर पर पहचाना गया है।

एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के कारण होने वाले प्रदूषण को दूर करना सभी देशों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौती बन गया है। प्रतिबंधित वस्तुओं की सूची में प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टाइरिन (थर्माकोल), प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास, कटलरी, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, स्टिरर शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम 2021 के अंतर्गत 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, आयात, संग्रहण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर 30 सितंबर 2021 से और 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले इस सामान पर 31 दिसंबर, 2022 से प्रतिबंध लगाया गया है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 16 फरवरी 2022 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम 2022 के रूप में प्लास्टिक पैकेजिंग पर विस्तारित उत्पादकों की जिम्मेदारी पर दिशा-निर्देशों को भी अधिसूचित किया है।

विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) दरअसल उत्पाद की शुरुआत से अंत तक उसके पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर प्रबंधन के लिए एक उत्पादक की जिम्मेदारी होती है। ये दिशा-निर्देश प्लास्टिक पैकेजिंग कचरे की चक्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, प्लास्टिक पैकेजिंग के नए विकल्पों के विकास को बढ़ावा देने और कारोबारी जगत द्वारा टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग के विकास की दिशा में कदम बढ़ाने से संबंधित रूपरेखा मुहैया कराएंगे।

उपायुक्त ने कहा कि 1 जुलाई 2022 से चिन्हित एसयूपी वस्तुओं पर प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे तथा प्रतिबंधित एकल उपयोग प्लास्टिक के अवैध निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री एवं उपयोग की निगरानी के लिए विशेष प्रवर्तन दल गठित किये जाएंगे। किसी भी प्रतिबंधित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक की वस्तुओं के अंतर-राज्य परिवहन को रोकने के लिए सीमा जांच केंद्र स्थापित किए जाएंगे। सरकार एकल उपयोग वाली प्लास्टिक को समाप्त करने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है।

जागरूकता अभियान में उद्यमियों और स्टार्ट अप्स, उद्योग, केंद्रीय, राज्य और स्थानीय सरकारों नियामक निकायों, विशेषज्ञों, नागरिक संगठनों, अनुसंधान एवं विकास और अकादमिक संस्थानों को एकजुट किया गया है। इस पाबंदी की सफलता तभी संभव है, जबकि सभी हितधारकों और उत्साही जन भागीदारों को इसमें प्रभावी रूप से शामिल किया जाए और वे सम्मिलित रूप से प्रयास करें।

Jarnail
Author: Jarnail

Jarnail Singh 9138203233 editor.gajabharyananews@gmail.com

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