बाबैन, शर्मा । लाडवा हल्का से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौरभ छपरा ने कहा कि प्रदेश में बना बिजली संकट भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की अदूरदर्शिता का नतीजा है। गर्मी का सीजन हर साल आता है, लेकिन इसके लिए पहले से तैयारी न करना सरकार का जनविरोधी नजरिया दिखाता है। गर्मी की शुरुआत में ही पूरे प्रदेश में बिजली कटों से हाहाकर मचा है तो आने वाले दिनों में हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं।
कांग्रेसी नेता सौरभ छपरा बाबैन में अपने कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होनें ने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व में किए गए बिजली समझौते के अनुसार बड़े बिजली सप्लायरों से अपने हिस्से ही बिजली लेने में नाकाम रही है। इनसे बिजली की मांग भी नहीं की जा रही। बिजली देने वाली इन कंपनियों के संचालक अत्यधिक पावरफुल हैं और केंद्र सरकार व भाजपा के शीर्ष लोगों के साथ इनकी सीधी पैठ है। ऐसे में प्रदेश सरकार इनसे हरियाणा का हक मांगने में डरती है और इस बात से भी आशंकित है कि कहीं ऊपर से ये सरकार की खिंचाई न करवा दें।

उन्होंने ने कहा कि बिजली जरूरतों को पूरा करने में प्रदेश सरकार बड़ा हिस्सा अडानी से खरीदता है। कोयले के दामों में बढ़ोतरी की वजह से अडानी हरियाणा को बिजली देने में फिसड्डी साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश का शहरी व ग्रामीण, कोई भी क्षेत्र बिजली कटों से अछूता नहीं है। गांवों में गेहूं कटाई का सीजन चल रहा है और दिनभर खेत में मेहनत के बाद रात को किसान अपने घर में बिजली न होने से दो घड़ी चैन से सो भी नहीं पा रहे हैं। यह हाल शहरों में है। लंबे-लंबे कटों के कारण इंवर्टर तक फेल होने लगे हैं। शाम को खाना खाने के वक्त बिजली गुल हो जाती है। दिनभर की थकान व नौकरी के बाद रात को बिजली न होने से लोग अंधेरे में खाना खाने को मजबूर हैं।
उन्होंने ने कहा कि सप्ताह भर से हालात ज्यादा ही खराब हो रहे हैं और इनमें किसी तरह का सुधार न होना, प्रदेश सरकार के गैर जिम्मेदार होने का प्रमाण है। आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ेगी और जून में धान की रोपाई के लिए भी बिजली की डिमांड पीक पर होगी। ऐसे में प्रदेश में बिजली न होने से हालात किस तरह से बिगड़ सकते हैं, यह सोचने भर से रूह कांपने लगती है।
Author: Jarnail
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