तकनीकी विषयों पर नवीन शैली में दोहे प्रस्तुत हैं—
1. डिजिटल युग
डिजिटल युग अब दौड़ता, बदल-बदलकर चाल।
जो सीखे, वो बढ़ चले, चमके उसका भाल।।
2. सोशल मीडिया
लाइकों की भीड़ में, खोया सबका ध्यान।
आभासी इस दौर में, ढूंढ रहे पहचान।।
3. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और भविष्य
सोच रहा है यंत्र भी, सीख रहा हर भेद।
नित मानव के ज्ञान में, करकर के अब छेद।।
4. साइबर सुरक्षा
पासवर्ड जो लीक हो, आए संकट घोर।
आभासी संसार में, काबू में रख डोर।।
5. ऑनलाइन शिक्षा
पढ़े सभी अब नेट से, खुली नयी है राह।
पर गुरु जैसा ज्ञान दे, कहे कौन अब वाह।।
6. मशीनों पर निर्भरता
यंत्र करेंगे काम सब, मनुज रहेगा मौन।
रुक जाएगी सोच गर, बुद्ध बनेगा कौन।।
7. सोशल मीडिया और समय
मोबाइल की लत लगी, थककर बैठे मौन।
इतना भी ना देखते, पास खड़ा है कौन।।
8. तकनीक और आलस्य
बटन दबे, हो काम सब, सुविधा मिले अपार।
परिश्रम घटता जो गया, जड़ता दे उपहार।।
ये दोहे आधुनिक तकनीक के फायदे और नुकसान दोनों को दर्शाते हैं।
-डॉ सत्यवान सौरभ

Author: Jarnail
Jarnail Singh 9138203233 editor.gajabharyananews@gmail.com