पंचकूला । हरियाणा के तटीय शहर में एक तूफानी मामला सामने आया है, जिसमें एक कार के अंदर एक ही परिवार के सात सदस्य मृत पाए गए। मृतकों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। यह घटना शहर के पॉश इलाके में हुई, जिसके विवरण में कई लोग रोंगटे हो गए। पुलिस के मुताबिक, यह सामूहिक आत्महत्या का मामला सामने आ रहा है।
सोमवार रात लगभग 10 बजे, पुलिस को एक खड़ी कार की सूचना मिली थी, जो एक खाली प्लॉट पर स्थित थी। जब पुलिस ने कार का दरवाजा खोला, तो वहां का दृश्य देखकर उनकी आंखें फटी रह गईं। कार के अंदर दो 12-13 साल की लड़कियां, एक 14 वर्ष का लड़का, उनके माता-पिता और दादा-दादी मृत अवस्था में पाए गए। सभी सदस्यों ने कथित तौर पर जहर खाया था। कार में बच्चों के स्कूल बैग और खाने-पीने की चीजें भी थीं।मृतकों की पहचान प्रवीण मित्तल और उनके परिवार के रूप में गई है।
बताया जा रहा है कि प्रवीण के परिवार पर बड़ा आर्थिक दबाव था। उन्होंने हाल ही में टूर और ट्रैवल का कारोबार शुरू किया था, लेकिन वह सफल नहीं रहा। परिवार की वित्तीय समस्याएं उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ गईं, जिससे यह अत्यंत दारुण निर्णय लिया गया।प्रवीण मित्तल और उनका परिवार देहरादून से पंचकूला आए थे, जहां वे बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा में शामिल हुए थे। कथा समाप्त होने के बाद, उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त करने का षड्यंत्र रचा। घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसका पुलिस जांच कर रही है।
डीसीपी क्राइम अमित दहिया, डीसीपी हिमांद्री कौशिक और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने घटना के स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। एसीपी विक्रम नेहरा ने बताया कि कार की विंडशील्ड पर एक तौलिया रखा हुआ था, जो गंभीर संदिग्धता को दर्शाता है। पास से गुजरने वाले एक व्यक्ति ने कार को संदिग्ध स्थिति में देखा और पुलिस को सूचित किया। सभी सात सदस्यों को अस्पताल ले जाया गया, जिसमें से छह की मौके पर ही मौत हो चुकी थी और परिवार के मुखिया प्रवीण भी कुछ देर बाद चल बसे।
इस त्रासद घटना ने न केवल एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों का अंत किया, बल्कि समाज में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर भी सवाल उठाता है। यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो आर्थिक दबाव और मानसिक तनाव के कारण सहनशीलता खो रहे हैं। पुलिस अब सुसाइड नोट का विश्लेषण कर रही है ताकि इस जटिल मामले की गहराई को समझा जा सके और संभावित कारणों की पहचान की जा सके।पंचकूला मामले ने न केवल एक परिवार को बर्बाद किया है, बल्कि यह समाज में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को फिर से जागरूक करता है। परिवारों को इस तरह की समस्याओं का सामना करने के लिए एकजुट होकर समाधान ढूंढना चाहिए, न कि आत्मघाती कदम उठाने की ओर बढ़ना चाहिए।

Author: Jarnail
Jarnail Singh 9138203233 editor.gajabharyananews@gmail.com