केयू परिसर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित
कुरुक्षेत्र , डॉ जरनैल रंगा । भारतरत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक समरसता के सच्चे पुरोधा थे जिन्होंने शोषितों एवं वंचितों को ऊपर उठाने का काम किया। भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. अम्बेडकर ने समस्त मानव समाज के लिए भारतीय संविधान में वो अधिकार दिए जिनसे हर नागरिक को जीवन में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने का अवसर मिले। उक्त विचार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने शुक्रवार को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर विधि संकाय के प्रांगण में स्थित उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के उपरांत कहे। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर के जीवन मूल्यों की प्रासंगिकता आज भी है जिन्होंने विकसित राष्ट्र का सपना देखते हुए वर्षों संघर्ष करके भारत को सामाजिक और राजनीतिक रूप से मजबूत बनाने का कार्य किया। डॉ. अम्बेडकर सच्चे राष्ट्रभक्त थे तथा राष्ट्र के लिए अपना जीवन भी बलिदान कर दिया। इसलिए उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समस्त भारतीय नागरिकों को राष्ट्र के निर्माण एवं विकास में अपने कर्तव्यों एवं जिम्मेवारी का निर्वहन करना चाहिए। इस अवसर पर कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि हम सभी को डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, केयू डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. रमेश भारद्वाज, प्रो. अमित लुदरी, प्रो. दलीप कुमार, प्रो. प्रीति जैन, प्रो. कुसुमलता, प्रो. अनिल गुप्ता, प्रो. महाबीर नरवाल, प्रो. विवेक चावला, प्रो. महासिंह पूनिया, प्रो. महाबीर रंगा, प्रो. सुशीला चौहान, डॉ. जितेन्द्र खटकड़, डॉ. रमेश सिरोही, डॉ. पूनम, डॉ. पूजा, डॉ. नीरज बातिश, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. सुधीर, डॉ. कुलदीप आर्या, डॉ. दीपक शर्मा सहित अन्य शिक्षक एवं गैर-शिक्षक कर्मचारी मौजूद रहे।
Author: Jarnail
Jarnail Singh 9138203233 [email protected]