लज्जा राम बने जिला सरपंच एसोसिऐशन के महासचिव
बाबैन, शर्मा । ई-टेडरिंग प्रणाली के खिलाफ पिछले कई दिनों से नवनियुक्त सरपंच बीडीपीओ कार्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं और विभिन्न पाटियों के नेता धरना स्थल पर अपना समर्थन दे रहे है वहीं आज जिला प्रधान जितेंद्र खैरा सरपंचों से रूबरू हुए और सरपंचों को संबोधित करते हुए कहा कि गांव का विकास कार्य करने की बजाय ठंड में मौजूदा सरकार के खिलाफ सरपंच मोर्चा खोलने पर मजबूर हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि वे ई-टेडरिंग प्रणाली का पूरजोर विरोध करते है व सरकार को इस तुगलकी फरमान को तुंरत वापिस लेना चाहिए क्योंकि इससे सरपंचों के आगामी कार्यों पर सवालियां निशान लगा रहेगा। वहीं नवनियुक्त बाबैन सरपंच एसोसिएशन के प्रधान दूनीचन्द सैनी ने कहा कि प्रदेश सरकार गांवों में विकास कार्य करवाने से कतरा रही है और पिछले दो साल से वैसे ही विकास कार्य रूके पडे हैं जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड रहा है। वहीं अगर सरकार ने अपना ई-टेडरिंग का फरमान वापिस नहीं लिया तो प्रदेश के सभी सरपंच ऐसे ही धरना-प्रदर्शन बरकरार रखेंगें।
इस मौके पर सरपंच लज्जा राम को जिला महासचिव नियुक्त किया गया। इस मौके पर लाडवा ब्लॉक प्रधान सरपंच सुभाष चंद, जसबीर पुनीया, यशदीप सांगवान, सुनील खिडकी, शेर सिंह, राजबीर हमीदपुर, राकेश सांगवान, सरपंच संजीव गोल्डी, लच्छमन दास, संदीप चहल, पवन कुमार, सुखश्याम, जरनैल सिंह आदि मौजूद रहे। दुनी चंद ने कहा कि करीब दो साल की देरी के बाद गांवों में पंचायत के चुनाव हुए हैं। अब सरकार अपनी तानाशाही का प्रदर्शन करते हुए पंचायतों के अधिकारों को
कुचलने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरपंच व चुनी हुई पंचायत गांव की लोकतांत्रिक व संवैधानिक संस्था है। अपने अधिकारों से ही वह गांव में विकास करवा सकती है। लेकिन सरकार चाहती है कि पंचायत कठपुतली की तरह काम करे और ई-टेंडरिंग के जरिये सारे काम सरकार के चमचे ठेकेदार करें। उन्होंने कहा कि राईट टू रिकॉल यदि अच्छा है तो इसे पहले संसद और विधानसभा सदस्यों पर लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंनेकहा कि अधिकारों को कुचलने के किसी प्रयास को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं।

Author: Jarnail
Jarnail Singh 9138203233 editor.gajabharyananews@gmail.com