राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने ज्ञान मंदिर में जी-20 की सफलता के लिए आयोजित हवन यज्ञ में डाली पूर्ण आहुति, राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को दी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
कुरुक्षेत्र । हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि मानवता के मूल्यों को बचाने के लिए ही कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश दिए। इन उपदेशों को आज प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में धारण करने की जरूरत है। इन उपदेशों में ही पूरी मानव जाति की समस्याओं का समाधान निहित है और विश्व शांति का मार्ग भी उपदेशों में दिखाया गया है
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय बुधवार को देर सायं श्री ब्रह्मपुरी अन्नक्षेत्र आश्रम ट्रस्ट की तरफ से जी-20 की सफलता के लिए आयोजित हवन यज्ञ कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इससे पहले राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और विधायक सुभाष सुधा ने श्री ब्रहमपुरी अन्नक्षेत्र आश्रम ट्रस्ट की तरफ से जी-20 के सफल आयोजन के लिए किए गए हवन यज्ञ में पूर्णाहुति डाली और कलश को पुष्प भी अर्पित किए। इस पूर्णाहुति से पहले हवन यज्ञ में श्री ब्रहमपुरी अन्नक्षेत्र आश्रम ट्रस्ट के संचालक चिंरजीवी पूरी महाराज, प्रधान राजेश गोयल, प्रसिद्ध उद्योगपति संजीव सीकरी, जय भगवान सिंगला, सुभाष बिंदल, सतीश टायल, सतीश मितल, हरिओम गर्ग, देश राज सिंगला, अर्जुन गर्ग, प्रसिद्ध समाज सेवी संदीप गर्ग, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, केडीबी के पूर्व सदस्य सौरव चौधरी, समाजसेवी विनोद गर्ग, विनोद सिंगला सहित अन्य ट्रस्टियों और गणमान्य लोगों ने पूजा अर्चना कर जी-20 के सफल आयोजन के लिए परम पिता परमात्मा से मंगल कामना की है।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र को भगवान श्रीकृष्ण की कर्मस्थली कहा जाता है। इस पावन धरा से ही भगवान श्रीकृष्ण ने मानवीय मूल्यों को बचाने के लिए गीता के उपदेश दिए। यह उपदेश आज भी पूर्णत: प्रासंगिक है। इस पावन धरा पर धर्म की स्थापना की गई और महाभारत युद्ध के दौरान अधर्म की हार हुई। इतना ही नहीं भारतीय संस्कृति में अधर्म का कहीं भी कोई स्थान नहीं है। इस देश की संस्कृति में केवल और केवल धर्म को ही स्थान दिया गया है। इस देश में बेशक अलग-अलग और अलग-अलग विचारधारा है, लेकिन सभी सनातन धर्म को ही मानते है। इस सनातन धर्म में ही संस्कृति और संस्कारों की बात की गई है।
उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर आने का अवसर मिला है। इस पर्व पर विभिन्न मंदिरों में जाने का अवसर मिला है और यहां पर जन्माष्टमी मनाने का अवसर भी मिला है। यह अनुभव एक अनुठा अनुभव रहेगा।


Author: Jarnail
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