चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार ने 1 अगस्त से नए कलेक्टर रेट लागू करने के अपने पूर्व के फैसले पर यू-टर्न ले लिया है। यह खबर हरियाणा के लोगों के लिए थोड़ी राहत भरी है, खासकर उन लोगों के लिए जो हाल ही में बढ़ी हुई प्रॉपर्टी की कीमतों से चिंतित थे। अब सरकार ने एक नई चिट्ठी जारी कर कहा है कि कलेक्टर रेट बढ़ाने का आदेश फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। नई दरों को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा, लेकिन 1 अगस्त की समय-सीमा अब प्रभावी नहीं होगी।
पिछले साल हुई थी 12 से 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी
आपको बता दें कि पिछले साल जमीन के कलेक्टर रेट में 12 से 32 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई थी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में दिल्ली के नजदीक होने के कारण जमीन की कीमतें काफी अधिक हैं, इसलिए वहां कलेक्टर रेट बाकी जिलों से काफी ज्यादा रखे गए थे। इनमें रोहतक, पलवल, बहादुरगढ़, सोनीपत, करनाल और पानीपत में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी, जबकि गुरुग्राम, सोहना, फरीदाबाद, पटौदी और बल्लभगढ़ के कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई थी। इस बार भी ऐसी अटकलें थीं कि इन क्षेत्रों में दरों में अधिक वृद्धि हो सकती है।
क्या है कलेक्टर रेट?
कलेक्टर रेट किसी भी जिले में जमीन की वह न्यूनतम कीमत होती है, जिस पर कोई रियल एस्टेट प्रॉपर्टी खरीदार को बेची जा सकती है। इसी न्यूनतम दर पर तहसीलों में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होती है। कलेक्टर रेट समय-समय पर बदलता रहता है, जो स्थान और बाजार के रुझानों पर निर्भर करता है। यह दर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है और जमीन की वास्तविक बाजार मूल्य से भिन्न हो सकती है।
फिलहाल, सरकार के इस यू-टर्न के पीछे का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह दर्शाता है कि सरकार शायद आम जनता पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को लेकर संवेदनशीलता दिखा रही है। अब यह देखना होगा कि हरियाणा सरकार नए कलेक्टर रेट कब लागू करती है और उस समय तक पुरानी दरें ही प्रभावी रहेंगी।
क्या आपको लगता है कि यह फैसला सही है, या सरकार को जल्द से जल्द नए रेट लागू कर देने चाहिए?

Author: Jarnail
Jarnail Singh 9138203233 editor.gajabharyananews@gmail.com