Explore

Search
Close this search box.

Search

January 5, 2025 5:12 pm

NEP का उद्देश्य शिक्षा को 21वीं सदी के आधुनिक विचारों से जोड़ना : PM मोदी

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

पीएम मोदी ने गुरुवार को वाराणसी में शिक्षा मंत्रालय-भारत सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। इस मौका पर पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा, ”राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल आधार, शिक्षा को संकुचित सोच के दायरों से बाहर निकालना और उसे 21वीं सदी के आधुनिक विचारों से जोड़ना है।”

बताना चाहेंगे कि काशी में पीएम मोदी का आगमन हर बार काशी को एक नया फ्लेवर और एक नया कलेवर देता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। दरअसल, पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम से पहले वाराणसी के अर्दली बाजार में स्थित एलटी कॉलेज में अक्षय पात्र मध्याह्न भोजन रसोई का निरीक्षण कर अक्षय पात्र के मेगा किचन को समाज के लिए लोकार्पित किया जिसके संबंध में उन्होंने शिक्षा समागम में दिए अपने संबोधन में जिक्र किया।

पीएम मोदी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान उन्हें काशी के स्कूल के 10-12 साल की उम्र के बच्चों के साथ गप्पे-गोष्ठी करने का अवसर मिला। उन बच्चों में जो प्रतिभा, टैलेंट और कॉन्फिडेंस देखने को मिला पीएम मोदी उनसे काफी प्रभावित हुए। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं उन बच्चों के शिक्षकों से जरूर मिलना चाहूंगा। पीएम ने कहा कि वे बच्चे सरकारी स्कूल के बच्चे थे और काफी प्रतिभावानी बच्चे थे।

गौरतलब हो, तीन एकड़ में 13.91 करोड़ की धनराशि से तैयार इस अक्षय पात्र किचन की क्षमता एक लाख बच्चों तक खाना पहुंचाने की है, लेकिन शुरुआत में 27,000 बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। अगस्त माह में इसकी क्षमता बढ़ाकर 1 लाख 25 हजार और अगले 6 महीने में 2 लाख बच्चों का मिड डे मिल बन सकेगा।

तीन एकड़ में 13.91 करोड़ की धनराशि से तैयार इस अक्षय पात्र किचन की क्षमता एक लाख बच्चों तक खाना पहुंचाने की है। लेकिन शुरुआत में 27,000 बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। अगस्त माह में इसकी क्षमता बढ़ाकर 1 लाख 25 हजार और अगले 6 महीने में 2 लाख बच्चों का मिड डे मिल बन सकेगा।

देश के अमृत संकल्पों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी हमारी शिक्षा व्यवस्था और युवा पीढ़ी पर

शिक्षा समागम कार्यक्रम की शुरुआत बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत एवं मंच कला संकाय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना से की गई थी जिसके पश्चात् पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, अखिल भारतीय शिक्षा समागम उस पवित्र धरती पर हो रहा है जहां आजादी से पहले देश की इतनी महत्वपूर्ण यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी। यह समागम आज एक ऐसे समय हो रहा है जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत काल में देश के अमृत संकल्पों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी हमारी शिक्षा व्यवस्था पर है, हमारी युवा पीढ़ी पर है।

आजादी के बाद शिक्षा नीति में थोड़ा बहुत बदलाव हुआ

पीएम मोदी ने कहा हमारे देश में मेधा की कभी कमी नहीं रही। लेकिन दुर्भाग्य से हमें ऐसी व्यवस्था बनाकर दी गई थी, जिसमें पढ़ाई का मतलब नौकरी ही माना गया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद शिक्षा नीति में थोड़ा बहुत बदलाव हुआ, लेकिन बहुत बड़ा बदलाव रह गया था। अंग्रेजों की बनाई व्यवस्था कभी भी भारत के मूल स्वभाव का हिस्सा नहीं थी और न हो सकती। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए नई व्यवस्थाओं का निर्माण, आधुनिक व्यवस्थाओं का समावेश उतना ही जरूरी है। जो पहले कभी भी नहीं हुआ, जिनकी देश पहले कभी कल्पना भी नहीं करता था, वो आज के भारत में हकीकत बन रहे हैं।

हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें, बल्कि देश को आगे बढ़ने के लिए जितने भी मानव संसाधनों की जरूरत हो, हमारी शिक्षा व्यवस्था वो देश को दे। इस संकल्प का नेतृत्व हमारे शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों को करना है।

काशी से निकलने वाला अमृत अवश्य देश को देगा नई दिशा

पीएम मोदी आगे कहते है कि हमारे यहां उपनिषदों में भी कहा गया है विद्ययामृतमश्नुते, अर्थात् विद्या ही अमृत्व और अमृत तक ले जाती है। काशी को भी मोक्ष की नगरी इसलिए कहते हैं क्योंकि हमारे यहां मुक्ति का एकमात्र मार्ग ज्ञान को विद्या को ही माना गया है और इसलिए शिक्षा और शोध का, विद्या और बोध का इतना बड़ा मंथन जब सर्वविद्या के प्रमुख केंद्र काशी में होगा तो इससे निकलने वाला अमृत अवश्य देश को नई दिशा देगा।

Jarnail
Author: Jarnail

Jarnail Singh 9138203233 [email protected]

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर