दलित समाज की आवाज़, सामाजिक न्याय की मुखर पैरोकार और बहुजन शेरनी के नाम से लोकप्रिय सुश्री रीना वाल्मीकि को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अनुसूचित जाति विभाग में राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया गया है। उनकी इस नियुक्ति ने न केवल दलित समाज को गर्व का अनुभव कराया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि मेहनत, समर्पण और सामाजिक संघर्ष से किसी भी ऊँचाई को छुआ जा सकता है।

बता दे कि रीना वाल्मीकि का जन्म एक सफाई कर्मचारी परिवार में हुआ, लेकिन उन्होंने कभी अपनी पृष्ठभूमि को अपने सपनों के रास्ते में आड़े नहीं आने दिया। उन्होंने सामाजिक न्याय, दलित अधिकारों और बहुजन चेतना के लिए लगातार संघर्ष किया। उनकी मेहनत और निष्ठा का परिणाम है कि आज उन्हें कांग्रेस पार्टी के दो प्रमुख राष्ट्रीय संगठनों में बड़ी जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। यह अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।रीना वाल्मीकि को न केवल एआईसीसी में राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया है, बल्कि उन्हें राजस्थान प्रभारी की अहम ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई है। यह कांग्रेस नेतृत्व का रीना जी में अटूट विश्वास और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।रीना वाल्मीकि की इस ऐतिहासिक नियुक्ति पर पूरे देशभर से उन्हें बधाइयाँ मिल रही हैं।

समर्थकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने श्री राहुल गांधी, श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, श्री के.सी. वेणुगोपाल, श्री के.एस. राजू और खास तौर पर श्री राजेन्द्र गौतम का आभार प्रकट किया है, जिन्होंने एक अम्बेडकरवादी महिला नेता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देकर एक मिसाल कायम की है।रीना वाल्मीकि आज उन करोड़ों दलित और वंचित तबकों की उम्मीद बन चुकी हैं, जिन्हें सदियों से हाशिये पर रखा गया। उन्होंने साबित किया है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सामाजिक दीवार आपको रोक नहीं सकती। वहीं इस उपलब्धि पर रीना वाल्मीकि ने कहा कि मैं इस जिम्मेदारी को केवल पद नहीं, बल्कि एक मिशन के रूप में देखती हूं। मेरा लक्ष्य है – हर वंचित, हर दलित की आवाज़ को राष्ट्रीय मंच तक पहुँचाना।

Author: Jarnail
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