कहा : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपना हक मांगने के लिए अन्दोलन का रास्ता अपनाने पर होना पड़ रहा है विवश
बाबैन, शर्मा । प्रदेश सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण प्रदेश के किसान, श्रमिक, दुकानदारों और कर्मचारियों सहित सभी वर्गो के लोग परेशान हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश में कानून व्यवस्था की बदहाली के कारण सरकार से आम लोगों का विश्वास उठना शुरू हो गया है और लोगों का जीवन राम भरोसे है। उपरोक्त शब्द वरिष्ठ कांग्रेस नेता सौरभ छपरा ने बाबैन अनाजमंडी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं द्वारा अपनी मांगों को लेकर पिछले एक महीने से अधिक समय से जिला स्तर पर जो धरना और प्रदर्शन किया जा रहा है यह सरकार की वादाखिलाफी का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ और सहायिकाओं का कसूर सिर्फ इतना ही है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सितम्बर 2018 में की गई घोषणा पर विश्वास कर लिया था जिसमें प्रधानमंत्री द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में 1500 रुपए और आंगनबाड़ी सहायिकाओं के वेतन में 750 रुपए प्रति महीने की बढ़ोतरी करने का आश्वासन दिया था।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा को लागू करने के लिए ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 2018 में आश्वासन दिया था कि उनके वेतन में प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुसार बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सरकार को जगाने के लिए ही आन्दोलन का रास्ता अपनाने पर विवश होना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को अपना वचन पूरा करने की याद दिलाने के लिए ही आंगनबाड़ी सहायिका तथा कार्यकर्ताओं को कड़ाके की सर्दी में सडक़ों पर उतरने पर विवश होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की मानसिकता ही कर्मचारी विरोधी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का उत्पीडन बंद करके उनकी मांगों के बारे में किए गए वायदे को पूरा करें।
Author: Jarnail
Jarnail Singh 9138203233 editor.gajabharyananews@gmail.com