कुरुक्षेत्र । सरपंच एसोसिएशन ऑफ हरियाणा ने आज कुरुक्षेत्र स्थित जाट धर्मशाला में एक बैठक कर हरियाणा सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 1 मार्च को सीएम हाउस का घेराव किया जाएगा और पंचकूला में किसान आंदोलन की तर्ज पर पक्का मोर्चा लगेगा। सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष, रणबीर समैन ने कहा कि प्रदेश सरकार गांवों की ओर ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए कल से हम जेजेपी और भाजपा के किसी भी प्रतिनिधि को गांवों में नहीं घुसने देंगे।
एसोसिएशन ने ई-टेंडरिंग, परिवार पहचान पत्र की मांग और राइट टु रिकॉल नियम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इन चीजों से प्रदेश की जनता को परेशानी हो रही है। राइट टु रिकॉल का नियम सरपंचों से पहले तो सांसदों और विधायकों पर लागू होना चाहिए। उनकी मांग है कि संविधान के 73 वें संसोधन की 11वीं सूची में ग्राम पंचायतों को प्रदत्त सभी 29 अधिकार मिलने चाहिए। ग्राम सभा के अधिकारों को समाप्त करने पर पंचायतों का महत्व ही खत्म हो जाएगा। इसलिए ठेकेदारी प्रथा फिर से लागू नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मनरेगा की ऑनलाइन हाजिरी लगाने का नियम भी परेशानी पैदा कर रहा है, क्योंकि अनेक स्थानों पर नेटवर्क नहीं आता है। प्रदेश के 90 विधायक ग्रामीण वोटों से ही चुनकर जाते हैं, लेकिन जब ग्रामीणों को उनकी जरूरत होती है तब वे नदारद रहते हैं। बैठक में एक सुर से आवाज उठी कि सरकार को सरपंचों के अधिकार वापस देने चाहिए। उनकी मांगों में सरपंचों का वेतन 30,000 रुपए, पंचों का 5000 रुपए और मनरेगा की दिहाड़ी 600 रुपए करने की मांग उठाई गई।
सम्मेलन में उपस्थित लोगों में संतोष बेनीवाल (उपाध्यक्ष), ईशम सिंह (महासचिव), आशीष, रविंदर काजल , राकेश (आईटी सेल प्रमुख), संदीप गुलिया (सदस्य), नरेंद्र कादयान, चुन्नी लाल (खजांची), आशीष कलवाश, निर्भय काला, सोनू ढाकला, संजय कुवारी, आरिफ हथोडी (प्रेस प्रवक्ता), परवीन, राम चंदर, मनोज, अजीत सिंह, सूरजपाल, सुंदर लाल, नीरज शर्मा, सुमेर दहिया, मुकेश, चन्दर मोहन पोटालिआ और संदीप के नाम उल्लेखनीय हैं।

Author: Jarnail
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